8वां वेतन आयोग क्या है?
वेतन आयोग केंद्र सरकार द्वारा हर 10 वर्षों में गठित एक स्वतंत्र निकाय होता है, जिसका कार्य कर्मचारियों की मौजूदा वेतन संरचना, भत्ते, पेंशन और अन्य सेवाशर्तों की समीक्षा करना होता है। इसका उद्देश्य बदलते आर्थिक हालात और जीवनयापन की लागत को देखते हुए कर्मचारियों की आय को यथासंभव न्यायसंगत बनाना है।
8वें वेतन आयोग की अहमियत क्यों है?
भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। ऐसे में सरकारी कर्मचारियों की क्रयशक्ति बढ़ाना और उनकी सेवाओं का उचित पारिश्रमिक सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है। पिछले एक दशक में मंहगाई, रियल एस्टेट, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं की लागत में बड़ा इजाफा हुआ है। 8वां वेतन आयोग इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक नई वेतन संरचना प्रस्तुत करेगा।
पिछले वेतन आयोगों से कैसे अलग होगा 8वां आयोग?
जहां 6वें वेतन आयोग ने पे बैंड और ग्रेड पे की शुरुआत की थी, वहीं 7वें वेतन आयोग ने पे मैट्रिक्स और एक समान फिटमेंट फैक्टर को लागू किया था। 8वें वेतन आयोग से यह उम्मीद की जा रही है कि यह डिजिटल इकोनॉमी, गिग वर्क और नई वित्तीय नीतियों को ध्यान में रखते हुए और अधिक लचीली तथा व्यापक संरचना पेश करेगा।
8वें वेतन आयोग का लाभ किस केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा
सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, रक्षा बलों के जवान और अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU) के कर्मचारी, अखिल भारतीय सेवाएं (IAS, IPS, IFS आदि), पेंशनभोगी और पारिवारिक पेंशनभोगी को नए वेतन आयोग का लाभ प्राप्त होगा।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर और संभावित वेतन वृद्धि
फिटमेंट फैक्टर एक गुणक है जिसके जरिए मौजूदा वेतन को बढ़ाकर नया वेतन तय किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹7,000 से बढ़ाकर ₹18,000 कर दिया गया था। 8वें वेतन आयोग में संभावित फिटमेंट फैक्टर 1.92 से 2.86 के बीच अनुमानित है, परंतु कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नए वेतन आयोग में महंगाई भत्ता (DA) का क्या होगा?
वर्तमान में DA हर छह महीने में संशोधित किया जाता है। 8वें वेतन आयोग के लागू होने पर 7वें आयोग के दौरान दी गई DA वृद्धि को समायोजित करके एक संशोधित वेतन ढांचा तैयार किया जाएगा। इसके बाद नया DA शून्य से फिर शुरू होगा, जैसा कि पहले होता आया है।
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