निर्णय का उद्देश्य
इस निर्णय का मूल उद्देश्य यह है कि विद्यालय परिसर में रहने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों की बेटियों को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित वातावरण में शिक्षा मिले। पूर्व में ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी, जिससे कई बार शिक्षकों व कर्मचारियों को अपनी बेटियों की शिक्षा और देखभाल के लिए दूर-दराज में व्यवस्था करनी पड़ती थी। यह न केवल पारिवारिक तनाव का कारण बनता था, बल्कि कार्य के प्रति एकाग्रता में भी बाधा उत्पन्न करता था।
नई व्यवस्था के मुख्य बिंदु
1 .निशुल्क शिक्षा: अब शिक्षकों और कर्मचारियों की बेटियां OBC कन्या आवासीय प्लस-टू विद्यालयों में निशुल्क पढ़ सकेंगी।
2 .आवासीय सुविधा में साथ रहना संभव: ये बच्चियां अपने माता-पिता के साथ विद्यालय परिसर में आवंटित क्वार्टरों में रह सकेंगी, जिससे पारिवारिक माहौल बना रहेगा।
3 .बीसी-I या बीसी-II जाति की अनिवार्यता नहीं: इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रा को BC-I या BC-II वर्ग से होना जरूरी नहीं है, जो एक प्रगतिशील निर्णय है।
4 .पढ़ाई ऐच्छिक, बाध्यकारी नहीं: शिक्षक या कर्मचारी की बेटी उसी विद्यालय में पढ़े, यह बाध्यकारी नहीं है, बल्कि यह ऐच्छिक रहेगा। यदि अभिभावक चाहें तो वे अपनी बेटी को अन्यत्र भी शिक्षा दिला सकते हैं।
5 .भोजन और कपड़े की जिम्मेदारी अभिभावकों की: आवासीय विद्यालयों में रहने के बावजूद बच्चियों के भोजन व वस्त्रों की व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके माता-पिता की होगी।
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