वर्तमान व्यवस्था में समस्याएं
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जनता के बजाय निर्वाचित बीडीसी (ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी) और डीडीसी (डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कमेटी) सदस्य करते हैं। इस अप्रत्यक्ष प्रणाली में अनेक बार धनबल, बाहुबल और राजनीतिक सौदेबाजी के आरोप लगते रहे हैं।
प्रस्तावित बदलाव की खास बातें
राज्य सरकार अब इन पदों के लिए सांसद और विधायक की तर्ज पर सीधे जनता से मतदान कराने की दिशा में प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी में है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री और सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और इस विषय पर सहमति बन चुकी है। उन्होंने मीडिया को संकेत भी दिए हैं कि जल्द ही प्रस्ताव औपचारिक रूप से केंद्र सरकार के पास जाएगा।
संभावित लाभ
लोकतांत्रिक भागीदारी में वृद्धि – जनता को सीधे मतदान का अधिकार मिलने से उनकी भागीदारी बढ़ेगी और स्थानीय लोकतंत्र मजबूत होगा।
धन और बाहुबल का प्रभाव कम होगा – जब चुनाव प्रत्यक्ष होंगे, तो वोटर की संख्या बढ़ने से पैसे और दबाव का असर सीमित हो जाएगा।
राजनीति में पारदर्शिता – यह बदलाव राजनीतिक प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाएगा।
स्थानीय नेतृत्व का विकास – सीधे जनता से चुने गए नेता जनता के प्रति ज्यादा जवाबदेह होंगे, जिससे विकास के मुद्दों पर गंभीरता बढ़ेगी।
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