क्या होता है एयर डिफेंस सिस्टम?
एयर डिफेंस सिस्टम एक ऐसा तकनीकी ढांचा होता है जो दुश्मन के मिसाइल, ड्रोन, या हवाई हमलों को पहचानकर उन्हें बीच रास्ते में ही नष्ट कर देता है। यह सिस्टम रडार, इंटरसेप्टर मिसाइल, ट्रैकिंग सिस्टम और कंट्रोल सेंटर से मिलकर बना होता है।
किन देशों के पास है स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम?
1 .अमेरिका – अमेरिका के पास Patriot और THAAD जैसे अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम हैं, जो दुनिया भर में तैनात किए जाते हैं।
2 .रूस – रूस का S-400 और S-500 सिस्टम आज की तारीख में सबसे उन्नत माने जाते हैं। भारत समेत कई देशों ने इन्हें खरीदा है।
3 .चीन – चीन ने अपना HQ-9 और अन्य एडवांस सिस्टम विकसित किया है और तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
4 .भारत – भारत ने Akash अब DRDO द्वारा विकसित AAD और PDV जैसी तकनीकों के साथ एयर डिफेंस में बड़ी छलांग लगाई है।
5 .इज़राइल – Iron Dome और David’s Sling जैसे सिस्टम के कारण इज़राइल छोटे और मध्यम रेंज के खतरे से खुद को कुशलता से बचाता है।
6 .फ्रांस – फ्रांस के पास Aster मिसाइल प्रणाली है, जो यूरोपीय रक्षा ढांचे का हिस्सा भी है।
इसके अलावे अन्य देशों की स्थिति।
भारत, अमेरिका, रूस, चीन, इज़राइल और फ्रांस के अलावा भी कई देश अपने-अपने स्तर पर एयर डिफेंस सिस्टम बना रहे हैं या विकसित कर चुके हैं। जैसे जर्मनी, ब्रिटेन नाटो देशों के साथ मिलकर कई एयर डिफेंस कार्यक्रमों में भागीदार हैं। जापान अमेरिका के साथ मिलकर एयर डिफेंस विकसित कर रहा है।
क्यों ज़रूरी है आत्मनिर्भर एयर डिफेंस?
हाल के वर्षों में मिसाइल हमलों, ड्रोन स्ट्राइक्स और सीमा पार से हो रहे हमलों में तेज़ी आई है। ऐसे में किसी देश के पास तुरंत प्रतिक्रिया देने वाली अपनी एयर डिफेंस क्षमता होना उसकी सुरक्षा के लिए अनिवार्य हो गया है। साथ ही, विदेशी सिस्टम पर निर्भरता कई बार रणनीतिक और राजनीतिक बाधाएं भी पैदा कर सकती है।
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