8वें वेतन आयोग: लाखों पेंशनधारकों के लिए बड़ी खुशखबरी

नई दिल्ली। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर चर्चा तेज़ हो गई है। लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए यह एक बड़ा बदलाव लेकर आ सकता है। जैसा कि 7वां वेतन आयोग दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है, ऐसे में यह स्वाभाविक है कि अगला आयोग कर्मचारियों और पेंशनधारकों की आय में इजाफे की नई दिशा तय करेगा।

क्या है 8वां वेतन आयोग?

8वां वेतन आयोग एक सरकारी निकाय होगा, जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वर्तमान वेतन ढांचे की समीक्षा करेगा और उसमें सुधार के सुझाव देगा। इसकी भूमिका सिर्फ वेतन वृद्धि तक सीमित नहीं होती, बल्कि यह कर्मचारी कल्याण, पेंशन सुधार और महंगाई के प्रभाव को भी ध्यान में रखता है। इस आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनधारकों की मासिक आय में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी हो सकती है।

पेंशन में कितनी होगी बढ़ोतरी?

ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग के लागू होने से पेंशन में 30-34% की बढ़ोतरी हो सकती है। यह वृद्धि सीधे तौर पर फिटमेंट फैक्टर, मूल वेतन और महंगाई भत्ते से जुड़ी होगी। अनुमान है कि इससे सरकार पर करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ आएगा।

भारत में फिलहाल करीब 68 लाख पेंशनभोगी हैं, जो कि सक्रिय कर्मचारियों की तुलना में अधिक संख्या में हैं। यही वजह है कि 8वें वेतन आयोग का असर सिर्फ वेतन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पेंशन व्यवस्था में भी सुधार लाने की उम्मीद है।

कौन-कौन से भत्ते प्रभावित होंगे?

पेंशन की गणना में मुख्यतः मूल वेतन और महंगाई भत्ता (DA) को जोड़ा जाता है। हालांकि, मकान किराया भत्ता (HRA) और यात्रा भत्ता (TA) इसमें शामिल नहीं होते। 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद महंगाई भत्ता फिर से शून्य से शुरू होगा, और इसके बाद प्रत्येक छमाही में संशोधन किया जाएगा।

क्यों ज़रूरी है 8वां वेतन आयोग?

भारत में महंगाई की दर, जीवन-यापन की लागत और कर्मचारियों की अपेक्षाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में समय-समय पर वेतन ढांचे की समीक्षा बेहद आवश्यक है। 7वें वेतन आयोग को लागू हुए अब लगभग एक दशक होने वाला है, और इसी कारण 8वें वेतन आयोग को लेकर मांगें तेज हो रही हैं।

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