ये 4 देश मार गिरा सकते हैं सैटेलाइट! जानकार चौंक जाएंगे

नई दिल्ली। आज की दुनिया में युद्ध सिर्फ ज़मीन या आकाश में ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भी लड़ा जा रहा है। जहां पहले सैटेलाइट्स सिर्फ संचार, नेविगेशन और मौसम की जानकारी तक सीमित थे, वहीं अब ये आधुनिक युद्ध प्रणाली का अहम हिस्सा बन चुके हैं। ऐसे में किसी दुश्मन देश के सैटेलाइट को मार गिराना एक बड़ी रणनीतिक ताकत मानी जाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि आज की तारीख में सिर्फ चार देशों के पास ही यह घातक क्षमता है।

1. अमेरिका

एंटी-सैटेलाइट (ASAT) हथियारों की रेस में अमेरिका सबसे आगे रहा है। 1985 में ही उसने अपने F-15 लड़ाकू विमान से एक पुराने सैटेलाइट को नष्ट कर दिखाया था। अमेरिका की यह तकनीक लगातार अपडेट हो रही है, जिससे वह अंतरिक्ष में किसी भी दुश्मन की गतिविधियों पर लगाम लगा सकता है।

2. रूस

सोवियत संघ के जमाने से ही रूस ने ए-सैट तकनीक पर काम शुरू कर दिया था। हाल के वर्षों में रूस ने कई परीक्षण किए हैं, जिससे ये साफ हो गया है कि उसकी क्षमता केवल ज़मीन तक सीमित नहीं है। रूस के पास डायरेक्ट-हिट और को-ऑर्बिटल सैटेलाइट वेपन दोनों की तकनीक मौजूद है।

3. चीन

2007 में चीन ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया जब उसने अपने ही मौसम उपग्रह को मिसाइल से नष्ट कर दिखाया। इस परीक्षण के बाद से चीन ने कई गुप्त तकनीकों पर काम किया है, जो अंतरिक्ष में उसके बढ़ते दबदबे को साबित करता है।

4. भारत

भारत ने 2019 में ‘मिशन शक्ति’ के तहत दुनिया को अपनी ए-सैट क्षमता का प्रदर्शन कर दिखाया। ओडिशा से दागी गई मिसाइल ने 300 किमी की ऊंचाई पर एक सैटेलाइट को सटीकता से मार गिराया। यह उपलब्धि भारत को दुनिया के उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करती है जो अंतरिक्ष सुरक्षा में आत्मनिर्भर हैं।

क्यों है ए-सैट तकनीक महत्वपूर्ण?

एंटी-सैटेलाइट तकनीक किसी देश की अंतरिक्ष सुरक्षा और निगरानी क्षमता को मजबूत बनाती है। युद्ध की स्थिति में यह तकनीक दुश्मन की आंखें और कान माने जाने वाले सैटेलाइट्स को खत्म कर सकती है, जिससे उनकी रणनीति को गंभीर नुकसान हो सकता है।

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