क्यों लाया गया यह बदलाव?
बोर्ड का कहना है कि छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से ट्रैक करने और उनकी एक स्थायी पहचान सुनिश्चित करने के लिए पेन को अनिवार्य किया गया है। वहीं, SR की फोटो से यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी फर्जी पंजीकरण न हो पाए, जिससे पूरे सिस्टम की पारदर्शिता में सुधार होगा।
क्या है पेन (Permanent Education Number)?
पेन एक स्थायी शैक्षणिक पहचान संख्या है, जिसे एक बार जारी किए जाने के बाद छात्र की पूरी स्कूली पढ़ाई के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए हर छात्र का रिकॉर्ड सटीक रूप से संकलित और ट्रैक किया जा सकता है, जिससे छात्र के प्रदर्शन, उपस्थिति और अन्य विवरणों का डिजिटल रिकॉर्ड बनेगा।
मौजूदा समस्याएं और विरोध
हालांकि इस फैसले का उद्देश्य छात्रों की भलाई और व्यवस्था में सुधार है, लेकिन व्यवहारिक धरातल पर इससे कई समस्याएं सामने आ रही हैं। दरअसल, लगभग 50% छात्र-छात्राओं के पास फिलहाल पेन उपलब्ध नहीं है, खासकर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पास। परिषदीय और राजकीय स्कूलों में छात्रों को पहले ही पेन जारी कर दिया गया है, लेकिन निजी स्कूलों में इसकी व्यवस्था अभी तक स्पष्ट नहीं है। स्कूल संचालक और अभिभावक चिंतित हैं कि कहीं पेन न होने की स्थिति में बच्चों का पंजीकरण रुक न जाए। वहीं, कुछ स्कूलों को यह भी आशंका है कि यदि छात्र समय रहते पेन नहीं बनवा पाए तो उन्हें प्रवेश से वंचित होना पड़ सकता है।
पंजीकरण की समयसीमा
बोर्ड के अनुसार कक्षा 9वीं और 11वीं का अग्रिम पंजीकरण 2 जुलाई से शुरू हो चुका है, और इसकी अंतिम तिथि 5 अगस्त निर्धारित की गई है। इस सीमित समय में स्कूलों को पेन और SR नंबर की फोटो सहित छात्रों का पंजीकरण ऑनलाइन करना होगा, जिससे स्कूलों पर कार्यभार भी बढ़ गया है।
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