क्या है ATAGS-MSG?
ATAGS-MSG एक मोबाइल आर्टिलरी सिस्टम है जिसे व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (VRDE), DRDO के अंतर्गत, देश की प्रमुख रक्षा कंपनियों — कल्याणी स्ट्रेटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड — के सहयोग से विकसित किया गया है। यह सिस्टम 155mm/52-कैलिबर की हॉवित्जर को हाई-मोबिलिटी व्हील चेसिस पर माउंट करके तैयार किया गया है, जिससे यह तोप न सिर्फ शक्तिशाली बल्कि अत्यधिक मोबाइल भी बन जाती है।
खासियतें जो इसे बनाती हैं 'गेमचेंजर'
1 .तेज तैनाती और ऊँचे इलाकों में संचालन: ATAGS-MSG की डिज़ाइन का सबसे अहम पहलू इसकी फुर्ती और विभिन्न भौगोलिक परिस्थितियों में ऑपरेट करने की क्षमता है। चाहे ऊँचाई वाले दुर्गम क्षेत्र हों या रेगिस्तानी इलाके — यह सिस्टम हर चुनौती को झेलने के लिए तैयार है।
2 .शक्ति और रेंज: यह तोप अधिकतम 48 किमी तक मार कर सकती है, जो इसे मौजूदा वैश्विक मानकों के करीब लाता है। इसमें आधुनिक फायर-कंट्रोल सिस्टम और बेहतर गतिशीलता इसे और भी प्रभावशाली बनाते हैं।
3 .स्वदेशी तकनीक पर ज़ोर: मौजूदा प्रोटोटाइप में 85% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है और अगले चरण में इसे बढ़ाकर 95% तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। यह न केवल आत्मनिर्भर भारत के विज़न को साकार करता है, बल्कि विदेशी तकनीकी निर्भरता को भी घटाता है।
4 .वज़न में हल्का, पर प्रभाव में भारी: MGS का डिज़ाइन इसे पारंपरिक टो किए जाने वाले तोपों की तुलना में हल्का बनाता है, जिससे इसे कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर तैनात किया जा सकता है।
क्यों है ATAGS-MSG जरूरी?
भारतीय सीमाएं अब केवल पारंपरिक युद्धों के लिए तैयार नहीं रह सकतीं। आज के समय में 'फास्ट मूविंग' और 'हाई रिस्पॉन्स' युद्धनीति की आवश्यकता है। ATAGS-MSG इसी रणनीति को मजबूती देता है। इसका इस्तेमाल तेजी से बदलते युद्धक्षेत्रों में किया जा सकता है, जहाँ भारी-भरकम आर्टिलरी की जगह मोबाइल और लचीले हथियारों की आवश्यकता होती है।
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