यूपी कैबिनेट में 15 प्रस्ताव मंजूर, नागरिकों के लिए खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज यानि की मंगवार को कैबिनेट बैठक में 15 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी देकर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं। इन फैसलों में फायदा प्रदेश के लाखों लोगों को मिलेगा।

आउटसोर्सिंग कर्मियों को बड़ी राहत

सबसे चर्चित और प्रतीक्षित फैसला उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन का रहा। यह निगम अब प्रदेश में आउटसोर्सिंग के जरिए होने वाली भर्तियों को नियमित और पारदर्शी बनाएगा। अभी तक कई एजेंसियां समय पर वेतन न देने, कर्मचारियों का शोषण करने और आरक्षण नियमों की अनदेखी जैसे मामलों में संलिप्त पाई गई थीं।

कानपुर और लखनऊ में इलेक्ट्रिक बसें

परिवहन व्यवस्था को हरित और आधुनिक बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम उठाया गया है। कैबिनेट ने कानपुर और लखनऊ में 100-100 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को मंजूरी दे दी है। ये बसें दोनों शहरों के 20 रूटों पर चलेंगी  यानी प्रत्येक शहर में 10 रूट तय किए गए हैं।

नई निर्यात नीति को मंजूरी

प्रदेश सरकार ने नई निर्यात नीति को भी हरी झंडी दी है, जिससे यूपी के निर्यातकों और कारोबारियों को विशेष रियायतें और सुविधाएं मिलेंगी। यह नीति ‘मेक इन यूपी’ और ‘एक्सपोर्ट फ्रॉम यूपी’ जैसे अभियानों को गति देगी।

इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी को मंजूरी

राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए 6 वर्ष की नई इलेक्ट्रॉनिक पॉलिसी को भी हरी झंडी मिल गई है। पॉलिसी के तहत 11 प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं: डिस्प्ले यूनिट, कैमरा मॉड्यूल, मल्टीलेयर पीसीबी आदि। इससे निवेश, रोजगार और तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

शाहजहांपुर को मिला नया विश्वविद्यालय

शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी घोषणा करते हुए सरकार ने स्वामी शुकदेवानंद राजकीय विश्वविद्यालय, शाहजहांपुर की स्थापना को मंजूरी दी है। यह विश्वविद्यालय मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट की जमीन पर स्थापित किया जाएगा और इससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए समेकित केंद्र

वाराणसी के रामनगर में तीन एकड़ जमीन पर दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए एक समेकित क्षेत्रीय केंद्र की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। यह भूमि भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय को निःशुल्क हस्तांतरित की जाएगी।

स्टांप विभाग और रजिस्ट्री नियमों में बदलाव

स्टांप विभाग को 'सरकारी विभाग' घोषित करने का प्रस्ताव पारित किया गया। पैतृक संपत्ति के बंटवारे की रजिस्ट्री अब केवल ₹5,000 के शुल्क पर की जा सकेगी, जिससे आम लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

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