स्वदेशी QR-SAM से बढ़ेगी भारत की एयर डिफेंस ताकत

नई दिल्ली। भारत की स्वदेशी सैन्य तकनीक को एक और बड़ी कामयाबी मिलने जा रही है। भारतीय सेना को जल्द ही अत्याधुनिक क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QR-SAM) सिस्टम मिलने वाला है, जो दुश्मन के लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और ड्रोन से रक्षा के लिए बनाया गया है। यह सिस्टम DRDO और भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा विकसित किया गया है और इसपर लगभग ₹30,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

रक्षा अधिग्रहण परिषद से मिलेगी मंजूरी

रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC), जिसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं, इस महीने के अंत तक QR-SAM खरीद प्रस्ताव को 'आवश्यकता की स्वीकृति (Acceptance of Necessity - AON)' दे सकती है। यह फैसला देश की वायु सुरक्षा को और मज़बूती प्रदान करने के उद्देश्य से लिया जा रहा है।

QR-SAM की खूबियाँ

QR-SAM एक मोबाइल और तेज़ प्रतिक्रिया देने वाला स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम है। यह 25–30 किलोमीटर तक की रेंज में दुश्मन के हवाई लक्ष्यों को सटीकता से भेद सकता है। इसे खास तौर पर इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह चलती स्थिति में भी कार्य कर सकता है और टैंकों तथा पैदल सेना की यूनिटों को हवाई खतरों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

हाल की सफलता: 'ऑपरेशन सिंदूर'

QR-SAM की ताकत हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखने को मिली, जब इसने तुर्की मूल के ड्रोन और चीनी मिसाइलों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह ऑपरेशन 7 से 10 मई 2025 तक चला था, और इसमें भारतीय सेना की वायु रक्षा (AAD) ने शानदार प्रदर्शन किया।

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