पुराने पाठ्यक्रमों की विदाई, नई तकनीकों का स्वागत
राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (SCVT) ने विभिन्न आईटीआई में चल रहे पाठ्यक्रमों की समीक्षा के लिए सर्वे कराया, जिसमें यह पाया गया कि कुछ ट्रेड्स में पिछले पांच वर्षों से लगातार 30% से कम दाखिले हो रहे हैं। ऐसे कोर्स जो आज के तकनीकी माहौल में प्रासंगिक नहीं रहे, जैसे कि इलेक्ट्रोप्लेटर, सीट मेटल वर्क, आदि को हटाया जा रहा है। वहीं, सिलाई तकनीकी जैसे पारंपरिक कोर्स को और आधुनिक रूप देकर फैशन डिजाइनिंग के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
स्थानीय जरूरतों की पहचान और कोर्स कस्टमाइजेशन
सभी जिलों के आईटीआई प्राचार्यों से यह जानकारी मांगी गई है कि उनके संस्थानों में कौन-कौन से कोर्स चल रहे हैं, उनमें कितने छात्र नामांकित हैं, और स्थानीय स्तर पर किन क्षेत्रों में अधिक रोजगार के अवसर हैं। इसके आधार पर कोर्स को हटाने या जोड़ने का निर्णय लिया जाएगा। यह स्थानीय आवश्यकताओं और वैश्विक मानकों के संतुलन का प्रयास है।
भविष्य के लिए तैयार होती पीढ़ी
ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, सोलर एनर्जी और मशीन लर्निंग जैसे उन्नत कोर्स न केवल छात्रों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाएंगे, बल्कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा करने लायक बनाएंगे। यह कदम उत्तर प्रदेश को "स्किल्ड वर्कफोर्स हब" के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
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