केंद्रीय कर्मचारियों को राहत: पेंशन स्कीम चुनने का मौका!

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक बड़ी राहत देते हुए राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के स्थान पर एकीकृत पेंशन योजना (UPS) चुनने की समय-सीमा को 30 जून 2025 से बढ़ाकर अब 30 सितंबर 2025 कर दिया है। सरकार का यह कदम उन हजारों कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो अब तक इस विकल्प को लेकर निर्णय नहीं ले सके थे।

क्या है एकीकृत पेंशन योजना (UPS)?

UPS, जिसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया गया है, एक पारंपरिक और सुरक्षित पेंशन योजना है, जो सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को निश्चित मासिक पेंशन और एकमुश्त भुगतान (लम्प सम) प्रदान करती है। इसमें गारंटीड पेंशन दी जाती है और इसके साथ ग्रेच्युटी लाभ भी शामिल हैं।

कौन कर सकता है UPS का विकल्प?

वित्त मंत्रालय ने UPS योजना का विकल्प चुनने के लिए कर्मचारियों को तीन प्रमुख श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। 1 अप्रैल 2025 तक सेवा में आने वाले केंद्रीय कर्मचारी, जिन्हें अभी तक UPS या NPS का विकल्प चुनना है। 31 मार्च 2025 तक सेवानिवृत्त कर्मचारी, बशर्ते उन्होंने कम से कम 10 वर्ष की सेवा की हो या विशेष परिस्थितियों में सेवानिवृत्त हुए हों। मृतक पात्र कर्मचारियों के वैध विवाहिता जीवनसाथी, जिन्हें अब UPS चुनने का अधिकार होगा।

नए कर्मचारियों के लिए नियम

जो कर्मचारी सरकारी सेवा में हाल ही में शामिल हुए हैं, उन्हें नियुक्ति की तिथि से 30 दिनों के भीतर UPS या NPS में से एक योजना चुननी होगी। एक बार UPS को चुन लेने के बाद, यह निर्णय अंतिम माना जाएगा और इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। यदि कोई कर्मचारी तय समय-सीमा में कोई विकल्प नहीं चुनता है, तो वह स्वतः ही NPS के अंतर्गत शामिल मान लिया जाएगा।

ट्रांजिशन प्रक्रिया: NPS से UPS में स्विच कैसे होगा?

जो मौजूदा कर्मचारी NPS से UPS में स्विच करना चाहते हैं, उनके PRAN (Permanent Retirement Account Number) को UPS के तहत टैग कर दिया जाएगा। उनकी अब तक जमा पेंशन राशि को नए स्कीम के अनुरूप ट्रांसफर किया जाएगा।

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