यूपी में 'लेखपाल' को कितनी सैलरी मिलती हैं, क्या हैं पावर?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) राज्य में ग्रुप C पदों की भर्ती के लिए ज़िम्मेदार प्रमुख संस्था है। लेखपाल का पद भी इसी श्रेणी में आता है और यह गांव स्तर पर राजस्व व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। लेखपाल न केवल भूमि रिकॉर्ड संभालता है, बल्कि स्थानीय प्रशासन की आँख और कान के रूप में भी कार्य करता है।

लेखपाल का वेतन (Salary Structure)

उत्तर प्रदेश में लेखपाल को 7वें वेतन आयोग के तहत वेतन प्रदान किया जाता है। इसका वेतनमान ₹15,000 से ₹60,000 प्रतिमाह होता है, जिसमें ₹2000/- ग्रेड पे भी शामिल होता है। शुरुआत में एक लेखपाल को कुल मिलाकर लगभग ₹30,000 से ₹35,000 प्रतिमाह वेतन प्राप्त होता है, जो अनुभव और प्रमोशन के साथ बढ़ता जाता है।

लेखपाल को मिलने वाली प्रमुख सुविधाएं

लेखपाल को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कई अतिरिक्त लाभ और भत्ते प्रदान किए जाते हैं:

नई पेंशन योजना (NPS) के तहत पेंशन

एचआरए (House Rent Allowance)

चिकित्सा भत्ता और स्वास्थ्य सुविधाएं

ग्रुप बीमा और अवकाश यात्रा रियायत (LTC)

हाउस कंस्ट्रक्शन लोन व वाहन व्यय भत्ता।

लेखपाल की पावर और जिम्मेदारियाँ

लेखपाल गांव स्तर पर प्रशासन का अहम हिस्सा होता है और उसे कई कानूनी व राजस्व संबंधित शक्तियाँ प्राप्त होती हैं। उसकी जिम्मेदारियाँ निम्नलिखित हैं: गांव के राजस्व खाते और भूमि अभिलेखों का रखरखाव, सर्वेक्षण करना, खेतों का निरीक्षण और सरकारी मानचित्रों का अद्यतन करना, फसल से संबंधित आंकड़े दर्ज करना, भूमि स्वामित्व में बदलाव की रिपोर्ट तैयार करना, प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत रिपोर्ट बनाना और सहायता प्रदान करना कृषि संकट या सूखा जैसी आपदाओं के समय प्रशासन को सहयोग देना, चकबंदी समेत अन्य सरकारी अभियानों में भी इनकी भागीदारी होती हैं।

लेखपाल का प्रमोशन कैसे होता है?

उत्तर प्रदेश में लेखपाल का प्रमोशन विभागीय परीक्षा और अनुभव के आधार पर होता है। सफल उम्मीदवारों को राजस्व निरीक्षक (Revenue Inspector) के पद पर प्रमोट किया जाता है। इसके बाद नायब तहसीलदार और आगे तहसीलदार तक प्रमोशन का रास्ता खुलता है।

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