आरक्षण की संरचना
उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए सरकारी सेवाओं में चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की नीति अपनाई है, जिसे विभिन्न खंडों में विभाजित किया गया है: खंड क, ख, ग में प्रत्येक को एक-एक प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है। खंड घ और ड में मिलाकर एक प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया है। इसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार की दिव्यांगताओं के अनुसार न्यायोचित प्रतिनिधित्व देना है।
किन दिव्यांगों को मिलेगा लाभ।
यूपी में इन सभी पदों पर दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग द्वारा नियुक्तियों की प्रक्रिया को निर्देशित किया गया है। इस क्षैतिज आरक्षण का लाभ निम्नलिखित श्रेणियों के दिव्यांगजन ले सकेंगे: दृष्टिहीनता एवं कम दृष्टि वाले, बधिर एवं श्रवण शक्ति ह्रास वाले, प्रमस्तिष्कीय अंग घात, उपचारित कुष्ठ रोगी, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित, मांसपेशीय दुष्पोषण, बौद्धिक अक्षमता, विशेष अधिगम अक्षमता (Learning Disability), मानसिक विकलांगता।
विभागीय पुनर्चिन्हांकन
पहले कुछ विभागों में श्रेणियों का स्पष्ट रूप से चिन्हांकन न होने के कारण दिव्यांगजनों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब एक विशेषज्ञ समिति द्वारा पुनर्चिन्हांकन कर इन पदों को पुनः परिभाषित किया गया है:
1. नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग (लघु सिंचाई विभाग):
समूह क: अधिशासी अभियंता
समूह ख: सहायक अभियंता
समूह ग: अवर अभियंता, बोरिंग टेक्नीशियन, सहायक बोरिंग टेक्नीशियन, अमीन
2. पंचायती राज विभाग (राज्य निर्वाचन आयोग):
समूह ग: कनिष्ठ सहायक
समूह घ: अन्य तृतीय श्रेणी पद
3. न्याय विभाग (डा. राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज):
समूह ग: सहायक लेखाकार, आशुलिपिक, कनिष्ठ सहायक, कंप्यूटर सहायक (ग्रेड-A)
4. सचिवालय प्रशासन विभाग:
समूह ख: अनुभाग अधिकारी (लेखा)
5. ग्राम विकास विभाग (दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ):
समूह ग: शोध सहायक
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