क्या है नया प्रावधान?
कार्मिक मंत्रालय द्वारा 22 मई 2025 को अधिसूचित इस संशोधन के अनुसार, PSU में समायोजित कर्मचारी यदि सेवा के दौरान गलत आचरण या अनुशासनहीनता के दोषी पाए जाते हैं और उन्हें बर्खास्त किया जाता है, तो उनके पूरे सरकारी सेवा काल के दौरान अर्जित पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य रिटायरमेंट लाभ पूर्णतः जब्त किए जा सकते हैं।
पहले क्या था नियम?
इससे पहले तक यदि कोई कर्मचारी सरकारी सेवा के बाद PSU में समायोजित होता था और बाद में सेवा से हटाया जाता था, तो उसके सरकारी सेवा काल के रिटायरमेंट लाभ सुरक्षित रहते थे। अनुशासनात्मक कार्रवाई का असर केवल वर्तमान सेवा पर पड़ता था, लेकिन अब पूरे करियर को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।
किस पर होगा निर्णय का अधिकार?
किसी कर्मचारी की बर्खास्तगी, सेवा समाप्ति या छंटनी की स्थिति में, उसका केस उस PSU की निगरानी करने वाले प्रशासनिक मंत्रालय द्वारा समीक्षा के अधीन होगा। यानी अंतिम निर्णय पूरी प्रक्रिया और तथ्यों के विश्लेषण के बाद ही लिया जाएगा।
साथ में राहत के प्रावधान भी
हालांकि सख्ती के बीच केंद्र सरकार ने "अच्छे आचरण पर आधारित पेंशन और पारिवारिक पेंशन" तथा "संवेदनशील अनुदान (Compassionate Allowance)" जैसे विकल्पों को भी बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि अगर बर्खास्त कर्मचारी की स्थिति विशेष सहानुभूति योग्य पाई जाती है, तो कुछ न्यूनतम पेंशन लाभ दिए जा सकते हैं।
किन पर लागू होते हैं ये नियम?
ये संशोधन Central Civil Services (Pension) Rules, 2021 के अंतर्गत किए गए हैं।
यह नियम उन कर्मचारियों पर लागू होंगे जिन्हें 31 दिसंबर 2003 या उससे पहले नियुक्त किया गया था।
हालांकि, इसमें रेलवे कर्मचारी, अस्थायी/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, तथा IAS, IPS और IFoS अधिकारी शामिल नहीं हैं।
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