क्या है 'फिटमेंट फैक्टर' और कैसे तय होगी सैलरी?
वेतन संशोधन का आधार होगा फिटमेंट फैक्टर, जो मूल वेतन को एक तय गुणांक (multiplier) से गुणा करके नया वेतन तय करता है। बता दें की 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। ऐसे में उम्मीद की जा रही हैं की 8वें वेतन आयोग में यह बढ़कर 2.86 होने की संभावना है। इस बदलाव के बाद कर्मचारियों के मूल वेतन (basic pay) में बड़ी बढ़ोतरी होगी, जिससे कुल टेक-होम सैलरी में भी जबरदस्त उछाल आएगा।
कब तक लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, आयोग अपनी सिफारिशें 2025 के अंत तक सौंप सकता है, जिसके बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल उन पर निर्णय लेगा। अगर सब कुछ तय समय पर हुआ, तो 2026 की शुरुआत से इसे लागू किया जा सकता है।
लेवल-1 से 10 तक कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त उछाल संभव!
लेवल 1: मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये तक हो सकता है।
लेवल 2: मूल वेतन 19,900 रुपये से बढ़कर 56,914 रुपये तक हो सकता है।
लेवल 3: मूल वेतन 21,700 रुपये से बढ़कर 62,062 रुपये तक हो सकता है।
लेवल 4: मूल वेतन 25,500 रुपये से बढ़कर 73,000 रुपये तक हो सकता है।
लेवल 5: मूल वेतन 29,200 रुपये से बढ़कर 83,600 रुपये तक हो सकता है।
लेवल 6: मूल वेतन 35,400 रुपये से बढ़कर 1,01,000 रुपये तक हो सकता है।
लेवल 7: मूल वेतन 44,900 रुपये से बढ़कर 1,29,000 रुपये तक हो सकता है।
लेवल 8: मूल वेतन 47,600 रुपये से बढ़कर 1,36,000 रुपये तक हो सकता है।
लेवल 9: मूल वेतन 53,100 रुपये से बढ़कर 1,52,000 रुपये तक हो सकता है।
लेवल 10: मूल वेतन 56,100 रुपये से बढ़कर 1,60,446 रुपये तक हो सकता है।
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