मौजूदा समस्या और उपभोक्ताओं की मुश्किलें
राज्य में कई ऐसे उपभोक्ता हैं जो घर के ही अंदर छोटी दुकानें चलाकर अपना रोज़गार चलाते हैं। इनके पास सामान्यतः घरेलू कनेक्शन होता है। लेकिन जब ये अपनी दुकान पर उसी बिजली का उपयोग करते हैं तो इसे गैरकानूनी ‘कमर्शियल उपयोग’ माना जाता है। ऐसे में बिजली विभाग जांच के दौरान घरेलू कनेक्शन का गैर घरेलू इस्तेमाल पाए जाने पर भारी जुर्माना लगा देता है। दूसरी ओर, छोटे व्यवसायियों के लिए कॉमर्शियल कनेक्शन महंगा पड़ता था, जिससे उनका बोझ बढ़ जाता था। खासकर एक किलोवॉट की खपत वाले छोटे दुकानदारों के लिए कोई उचित दर निर्धारित नहीं थी।
नई दरों का प्रस्ताव
इस समस्या को ध्यान में रखते हुए, यूपी पावर कॉरपोरेशन ने बिजली नियामक आयोग के समक्ष एक नया प्रस्ताव रखा है, जिसमें एक किलोवॉट की बिजली खपत के लिए एक अलग गैर घरेलू दर निर्धारित की गई है। प्रस्ताव के मुताबिक, ग्रामीण इलाकों में इस श्रेणी की दर 7 रुपये प्रति यूनिट और शहरी इलाकों में 8 रुपये प्रति यूनिट रखी जाएगी। इससे छोटे व्यवसायी अपने घरेलू कनेक्शन पर ही अपनी दुकान चला सकेंगे, बिना किसी कानूनी समस्या या आर्थिक बोझ के।
उपभोक्ता परिषद की भूमिका
बिजली उपभोक्ता परिषद ने इस प्रस्ताव को सकारात्मक माना है और इसे और व्यावहारिक बनाने के लिए संशोधन प्रस्ताव भी दायर किया है। उपभोक्ता परिषद की मांग है कि प्रस्तावित स्लैब ऐसी हो जो हर छोटे व्यवसायी के लिए सुलभ और फायदेमंद साबित हो।
आगे की प्रक्रिया
बिजली की नई दरों को अंतिम रूप देने के लिए सुनवाई 7 जुलाई से शुरू होगी। इस सुनवाई में उपभोक्ताओं, बिजली निगम और उपभोक्ता परिषद के सुझावों को ध्यान में रखकर दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा। यह कदम छोटे व्यापारियों को बिजली की दरों में राहत देने और उनकी समस्याओं को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
0 comments:
Post a Comment