दुनिया में 4 घातक हथियारों की होड़: युद्ध का नया युग

नई दिल्ली। 21वीं सदी का युद्ध अब केवल बंदूक, टैंक और सैनिकों तक सीमित नहीं रहा। तकनीक की तेज़ रफ्तार ने आधुनिक युद्ध प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया है। अब युद्ध रणनीति केवल सैनिकों की संख्या या पारंपरिक हथियारों की ताकत पर नहीं, बल्कि उन नई तकनीकों पर निर्भर करती है, जो न केवल अदृश्य हैं बल्कि अविश्वसनीय गति और सटीकता से वार करने में सक्षम हैं।

1. हाइपरसोनिक हथियार: बुलेट से भी तेज मौत

हाइपरसोनिक हथियार 5 मैक (ध्वनि की गति से 5 गुना) या उससे अधिक की गति से चलने वाले मिसाइल या ग्लाइड व्हीकल होते हैं। रूस, चीन और अमेरिका इस तकनीक में होड़ में हैं। ये हथियार रडार से बच सकते हैं, मार्ग बदल सकते हैं और मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम को मात दे सकते हैं। भारत भी इस तकनीक में तेजी से आगे बढ़ रहा हैं।

2. AI मिलिट्री ड्रोन: मानव रहित लेकिन जानलेवा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस मिलिट्री ड्रोन अब केवल निगरानी तक सीमित नहीं रहे, बल्कि टारगेट पहचानने, निर्णय लेने और हमला करने की क्षमता रखते हैं। टर्की का 'Bayraktar TB2', अमेरिका का 'MQ-9 Reaper' और चीन का 'Wing Loong' जैसे ड्रोन AI से ऑपरेट हो रहे हैं। इनकी खासियत यह है कि ये बिना इंसानी हस्तक्षेप के मिशन पूरा कर सकते हैं। 

3. लेजर हथियार: प्रकाश की गति से हमला

लेजर हथियार अब विज्ञान कथा नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत बन चुके हैं। अमेरिका और इजराइल जैसे देश 'Directed Energy Weapons' पर अरबों डॉलर खर्च कर चुके हैं। 'Iron Beam' (इजराइल) और 'HELWS' (अमेरिका) जैसे सिस्टम मिसाइल, ड्रोन और मोर्टार जैसे खतरों को हवा में ही जला सकते हैं। चीन और भारत ने भी लेजर हथियार की तकनीक हासिल कर लिए हैं।

4. स्टील्थ फाइटर जेट: अदृश्य हमलावर

स्टील्थ तकनीक से लैस फाइटर जेट्स जैसे अमेरिका का F-35, चीन का J-20, और रूस का Su-57 अब युद्ध की दिशा और दशा बदल रहे हैं। ये रडार की पकड़ में आए बिना दुश्मन के क्षेत्र में घुस सकते हैं और टारगेट को तबाह कर सकते हैं। यह तकनीक युद्ध में 'पहला वार' करने की रणनीति को बेहद घातक बना रही है। भारत भी स्टील्थ जेट का निर्माण कर रहा हैं।

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