क्या है कम्युटेशन पेंशन?
कम्युटेशन पेंशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कोई सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के समय अपनी पेंशन का एक हिस्सा एकमुश्त (लंपसम) राशि के रूप में ले सकता है। यह राशि कर्मचारी को आर्थिक स्थिरता देने के लिए तत्काल दी जाती है, लेकिन इसके बदले सरकार अगले कुछ वर्षों तक उसकी पेंशन का एक हिस्सा (अधिकतम 40%) काटती है, जिससे यह राशि रिकवर की जाती है। वर्तमान में, सरकार इस रिकवरी को 15 वर्षों तक करती है। यानी, कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद पूरी पेंशन मिलने के लिए 15 साल तक इंतजार करना पड़ता है।
क्यों उठ रही है 12 साल में रिकवरी की मांग?
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का कहना है कि सरकार जो लंपसम राशि देती है, उसकी रिकवरी असल में 11 से 12 साल के भीतर ब्याज सहित पूरी हो जाती है। ऐसे में 15 वर्षों तक पेंशन का 40% हिस्सा काटना, कर्मचारियों के साथ अन्याय के समान है। यह मुद्दा Standing Committee of Voluntary Agencies (SCOVA) की 34वीं बैठक में सामने रखा गया, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इसे 8वें वेतन आयोग की ToR में शामिल किया जा सकता है।
कर्मचारियों को क्या होगा लाभ?
यदि रिकवरी अवधि 12 साल कर दी जाती है, तो:
कर्मचारियों को 3 साल पहले ही पूरी पेंशन मिलने लगेगी।
आर्थिक सुरक्षा और खर्चों की योजना बनाना आसान होगा।
रिटायरमेंट के बाद की ज़िंदगी अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकेगी।
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