बिहार में 9 जातियों को मिलेंगे ₹2.39 लाख प्रति परिवार

पटना। बिहार सरकार ने सामाजिक न्याय और आवासीय सुविधा की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) को स्थायी आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम-जनमन) के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण योजना की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत 1308 परिवारों को ₹2.39 लाख की सहायता राशि दी जाएगी ताकि वे पक्के मकान बना सकें।

योजना के अंतर्गत चयनित जनजातियाँ

बिहार सरकार द्वारा 10 जिलों के 9 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को इस योजना में शामिल किया गया है। इन जनजातियों में शामिल हैं: असुर, बिरहोर, बिरजिया, हिलखरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, परहइया, सौरिया पहाड़िया और सावर।  इस योजना का लाभ बांका, कैमूर (भभुआ), भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, नवादा, पूर्णिया और सुपौल जिलों के पात्र परिवारों को मिलेगा।

योजना की मुख्य बातें

कुल 1308 परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा।

प्रत्येक परिवार को कुल ₹2.39 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

₹2 लाख मकान निर्माण के लिए (चार किस्तों में)

₹27,000 मजदूरी के लिए (मनरेगा के तहत)

₹12,000 शौचालय निर्माण के लिए (स्वच्छ भारत मिशन के तहत)

किस्तों का वितरण इस प्रकार होगा:

प्रथम किस्त: आवास स्वीकृति के बाद।

द्वितीय किस्त: जब मकान का निर्माण भूतल सतह (प्लिंथ) तक पूरा हो जाए।

तृतीय किस्त: लिंटर स्तर तक कार्य पूरा होने पर।

चौथी किस्त: छत स्तर से ऊपर फिनिशिंग कार्य के बाद।

इस योजना के लिए पात्रता की शर्तें:

इस योजना का लाभ केवल उन परिवारों को मिलेगा जिनके पास पहले से पक्का मकान नहीं है। इसके अलावे, परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में नहीं होना चाहिए। पात्र परिवारों को "आवास सॉफ्ट पोर्टल" पर निबंधित किया जाएगा।

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