यूपी सरकार ने कोरोना को लेकर नई एडवाइजरी की जारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कुछ जिलों में कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए राज्य सरकार ने नई एडवाइजरी जारी की है। यह एडवाइजरी सभी जिला स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों के लिए लागू की गई है, जिसका उद्देश्य संभावित संक्रमण की लहर को समय रहते नियंत्रित करना है।

स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी पर जोर

एडवाइजरी के अनुसार, कोरोना मरीजों के इलाज के लिए सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके साथ ही PPE किट, कोरोना जांच की सुविधा, आइसोलेशन बेड्स, मेडिकल ऑक्सीजन, ICU और वेंटिलेटर जैसी व्यवस्थाओं को भी सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट की कार्यप्रणाली की जांच करने और मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं, ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।

जांच और निगरानी की सख्ती

एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (SARI) के सभी मरीजों और इन्फ्लुएंजा लाइक इलनेस (ILI) के 5% मरीजों की कोविड-19 जांच की जाए। इसके अतिरिक्त, जिन मरीजों की आरटी-पीसीआर जांच में सीटी वैल्यू 25 से कम आती है, उनके नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसका उद्देश्य नए वेरिएंट्स की पहचान करना और संक्रमण की रोकथाम करना है।

सामुदायिक सतर्कता और सुरक्षा उपाय

एडवाइजरी में जनपदीय सर्विलान्स यूनिट्स को भी सक्रिय रहने को कहा गया है, जिससे कोरोना संक्रमितों की निगरानी बेहतर ढंग से हो सके। जिन जिलों में कोरोना मामलों की संख्या अधिक है, वहां मास्क और सैनिटाइजर का अनिवार्य उपयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

सरकार की अपील: सतर्क रहें, सहयोग करें

राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की लापरवाही से बचें, कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं। यह एडवाइजरी एक एहतियाती कदम है ताकि संक्रमण को फैलने से पहले ही रोका जा सके।

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