पुनर्गठन की प्रक्रिया
बांदा जिले में पहले आठ ब्लॉकों में कुल 471 ग्राम पंचायतें थीं, लेकिन कुछ ग्राम पंचायतों को नगर पंचायतों में शामिल किए जाने के बाद अब यह संख्या घटकर 469 रह गई है। अब पुनर्गठन के तहत कुछ नई ग्राम पंचायतों का सृजन किया जाना संभावित है क्योंकि कई गाँव ऐसे हैं जो सभी जरूरी मानकों को पूरा कर रहे हैं।
परिसीमन और मतदाता पुनरीक्षण
पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी होते ही पंचायतों का परिसीमन किया जाएगा। इसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों की भौगोलिक सीमाओं को फिर से निर्धारित करना और जनसंख्या के आधार पर संतुलन सुनिश्चित करना है। इसके बाद मतदाता पुनरीक्षण अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके अंतर्गत मतदाताओं के नाम जोड़े जाएंगे, हटाए जाएंगे या आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। निर्वाचन आयोग इस अभियान को जून या जुलाई में शुरू कर सकता है, जो सितंबर–अक्टूबर तक चलाया जाएगा।
ग्रामीण स्तर पर चुनावी हलचल
चुनावों की आहट के साथ ही गांवों में चुनावी गतिविधियाँ भी तेज़ हो गई हैं। संभावित प्रत्याशी मतदाताओं से संपर्क बनाना शुरू कर चुके हैं। वे अब गांवों में जाकर लोगों का हालचाल पूछ रहे हैं और जनसंपर्क बढ़ाने के बहाने सहानुभूति और समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। यह देखा जा रहा है कि कई दावेदार ग्रामीणों की छोटी-मोटी समस्याओं को हल कर 'जनसेवक' की छवि गढ़ने में लगे हैं, जिससे वे आगामी चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत कर सकें।
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