दुनिया को हथियार बेचने में भारत ने लगाई बड़ी छलांग

नई दिल्ली। भारत ने हाल ही में रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का रक्षा निर्यात 23,622 करोड़ रुपये (लगभग 2.76 बिलियन डॉलर) के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह पिछले वर्ष के 21,083 करोड़ रुपये के मुकाबले 12.04% की उल्लेखनीय वृद्धि है। यह केवल आर्थिक प्रगति नहीं, बल्कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियानों की सफलता का प्रमाण भी है।

रक्षा निर्यात में ऐतिहासिक छलांग

पिछले एक दशक में भारत का रक्षा निर्यात लगभग 34 गुना बढ़ा है। वित्त वर्ष 2013-14 में जहां निर्यात मात्र 686 करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में यह 23,622 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वृद्धि भारत की बदलती सामरिक सोच, टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता और वैश्विक साझेदारियों के विस्तार को दर्शाती है।

80 देशों तक फैला भारत का रक्षा उत्पाद

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत वर्तमान में लगभग 80 देशों को रक्षा उत्पाद निर्यात कर रहा है। इसका सीधा अर्थ है कि भारत अब केवल एक आयातक देश नहीं रहा, बल्कि वैश्विक रक्षा आपूर्ति श्रृंखला का अहम हिस्सा बन चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक यह रक्षा निर्यात 50,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाए।

‘मेक इन इंडिया’ और ऑपरेशन सिंदूर की भूमिका

‘मेक इन इंडिया’ की रणनीति ने घरेलू रक्षा उत्पादन को एक नई दिशा दी है। वहीं, हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय हथियार प्रणालियों की क्षमता और सटीकता को वैश्विक स्तर पर साबित किया। यह ऑपरेशन, जो कि पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में किया गया, भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया की तकनीकी परिपक्वता को दर्शाता है। इसमें उपयोग किए गए स्वदेशी ड्रोन, मिसाइल और टारगेटिंग सिस्टम ने पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर भारत की सैन्य क्षमता को साबित किया।

0 comments:

Post a Comment