स्पर्म की औसत जीवन अवधि
वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, महिलाओं के प्रजनन तंत्र में एक बार प्रवेश करने के बाद स्पर्म औसतन 3 से 5 दिन तक जीवित रह सकते हैं। हालांकि, यह अवधि शरीर की आंतरिक स्थिति, हार्मोनल स्तर और ओवुलेशन के समय पर निर्भर करती है।
यदि गर्भाशय ग्रीवा (cervical mucus) उस समय पर्याप्त मात्रा में पतली और शुक्राणु के अनुकूल हो, तो स्पर्म 5 दिनों तक सक्रिय रह सकते हैं। लेकिन यदि महिला का शरीर ओवुलेशन की स्थिति में नहीं है, तो यह अवधि घटकर 1–2 दिन भी हो सकती है।
ओवुलेशन के समय सबसे ज्यादा
फर्टिलिटी विशेषज्ञों का कहना है कि ओवुलेशन से ठीक पहले और ओवुलेशन के दिन संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना सबसे अधिक होती है। इसका कारण यही है कि उस दौरान स्पर्म ज्यादा लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं और अंडाणु (egg) से मिलने की संभावना अधिक होती है।
क्यों जरूरी है ये जानकारी?
गर्भधारण की योजना बनाने वालों के लिए: यदि आप संतान की योजना बना रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि स्पर्म कब तक जीवित रहता है ताकि ओवुलेशन के नजदीक सही समय पर प्रयास किया जा सके।
गर्भधारण से बचने वालों के लिए: नेचुरल फैमिली प्लानिंग या कैलेंडर मेथड अपनाने वालों के लिए यह जानना आवश्यक है कि स्पर्म लंबे समय तक शरीर में जीवित रह सकते हैं, इसलिए ओवुलेशन से पहले के दिन भी ‘सुरक्षित’ नहीं माने जा सकते।
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