यूपी में DM के पास कितनी होती है पावर, क्या है सैलरी

लखनऊ। भारत में आईएएस (IAS) अधिकारी बनने का सपना लाखों युवा देखते हैं, लेकिन यह राह आसान नहीं होती। यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के बाद उम्मीदवारों को उनकी रैंक और वरीयता के अनुसार IAS, IPS, IFS, या अन्य सेवाओं में नियुक्त किया जाता है।

IAS अधिकारी बनने के बाद एक व्यक्ति को जिलाधिकारी (DM) जैसे पदों पर नियुक्त किया जा सकता है। DM यानी District Magistrate, जिसे डिप्टी कमिश्नर या कलेक्टर भी कहा जाता है, जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है। आइए जानते हैं कि DM की पावर क्या होती है और उसे कितनी सैलरी मिलती है।

डीएम की पावर (DM Powers)

1 .सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों के संचालन पर भी DM की नजर रहती है।

2 .DM किसी भी सरकारी कार्यालय, संस्थान या फैक्ट्री में बिना पूर्व सूचना के छापा मार सकता है।

3 .जिले के सभी सरकारी विभाग जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पुलिस, राजस्व आदि सीधे DM के अधीन होते हैं।

4 .मुख्यमंत्री IAS अधिकारी का ट्रांसफर कर सकते हैं, लेकिन उन्हें सस्पेंड करने के लिए केंद्र से मंजूरी लेनी होती है।

5 .तकनीकी रूप से एक मुख्यमंत्री को भी DM उनके जिले में आने से रोक सकता है यदि वह कानून व्यवस्था के लिए आवश्यक समझे।

6 .डीएम की भूमिका केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि विधि और व्यवस्था को बनाए रखने की भी होती है। यह जिले का सबसे शक्तिशाली अधिकारी होता है।

7 .DM के पास जिले में धारा 144 लगाने, कर्फ्यू लागू करने और भीड़ पर कार्रवाई के आदेश देने का अधिकार होता है। फायरिंग का आदेश भी DM ही दे सकता है।

डीएम की सैलरी (DM Salary)

शुरुआती स्तर (Level-10) पर सैलरी:

बेसिक सैलरी: ₹56,100 प्रति माह

महंगाई भत्ता (DA): लगभग 38% (बदलता रहता है)

हाउस रेंट अलाउंस (HRA): स्थान के अनुसार 8% से 24% तक

अन्य भत्ते: जैसे टेलीफोन, मेडिक्लेम, स्टाफ सुविधा आदि

कुल सैलरी: सभी भत्तों को मिलाकर ₹1,00,000 से ₹1,40,000 प्रति माह तक हो सकती है।

डीएम को मिलने वाली अन्य सुविधाएँ

सरकारी आवास (बंगला) और फर्निशिंग, सरकारी वाहन और ड्राइवर, कुक, गार्ड, सहायक कर्मचारी, VIP स्टेटस और सुरक्षा, मेडिकल सुविधा, बच्चों की शिक्षा और अन्य रियायतें

प्रमोशन और वेतन वृद्धि

एक DM जैसे-जैसे वरिष्ठता प्राप्त करता है, वैसे-वैसे वह उच्च पदों जैसे डिविजनल कमिश्नर, सचिव (Secretary), प्रमुख सचिव (Principal Secretary) आदि पर पदोन्नत होता है। इसके साथ ही उसका वेतन भी बढ़ता जाता है।लेवल 11, 12, 13: वेतनमान क्रमशः ₹67,700, ₹78,800, ₹1,18,500 से शुरू, लेवल 14 और उससे ऊपर: अतिरिक्त सचिव और सचिव स्तर पर ₹1,44,200 या उससे अधिक। 

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