ट्रंप की कॉल, असाही की पुष्टि
जापानी अखबार असाही शिंबुन के मुताबिक, ट्रंप ने 23 मई को जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा से एक फोन कॉल पर यह पेशकश की। यह बातचीत ट्रंप के अनुरोध पर हुई थी, जिसमें उन्होंने अमेरिका-जापान सैन्य सहयोग को और मज़बूत करने की बात कही। इस दौरान ट्रंप ने F-47 के साथ-साथ F-22 रैप्टर और F-35 के उन्नत वर्जन का भी ज़िक्र किया। ट्रंप ने इशिबा से पूछा कि क्या वे अमेरिका के इन "सर्वश्रेष्ठ" फाइटर जेट्स को अपने बेड़े में शामिल करने में रुचि रखते हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि वे जापान को "दुनिया का सर्वश्रेष्ठ फाइटर जेट" देने के इच्छुक हैं।
GCAP को लेकर जापान में संदेह
अमेरिका की यह पेशकश ऐसे समय आई है जब जापान खुद ब्रिटेन और इटली के साथ मिलकर ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम (GCAP) में शामिल है। यह कार्यक्रम 2035 तक एक छठी पीढ़ी का फाइटर जेट विकसित करने की योजना पर काम कर रहा है। लेकिन रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जापान अब इस बात को लेकर संशय में है कि GCAP अपने निर्धारित समय पर तैयार हो पाएगा या नहीं।
सूत्रों के मुताबिक, इस असमंजस के कारण जापान को फिलहाल अपने हवाई सुरक्षा अंतराल को भरने के लिए वैकल्पिक लड़ाकू विमान खरीदने पड़ सकते हैं। इसमें अधिक F-35 खरीदने या मौजूदा F-15 बेड़े को अपग्रेड करने जैसे विकल्प शामिल हैं।
बोइंग को सौंपा गया निर्माण कार्य
डोनाल्ड ट्रंप ने मार्च 2025 में बोइंग को F-47 निर्माण का अनुबंध दिया था। इसके तहत F-47 का निर्यात संस्करण भी विकसित किया जा रहा है। ट्रंप ने तब कहा था कि अमेरिका अपने कुछ सहयोगियों को यह विमान बेच सकता है।
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