वीर्य बनने की उम्र क्या होती है?
आमतौर पर लड़कों में वीर्य बनने की प्रक्रिया 12 से 16 साल की उम्र के बीच शुरू होती है। यह उम्र किशोरावस्था (Puberty) की शुरुआत के साथ जुड़ी होती है, जब शरीर में हार्मोन का स्तर बढ़ता है। इस दौरान लड़कों के जननांग विकसित होने लगते हैं और वीर्य उत्पादन शुरू हो जाता है। हालांकि, कुछ लड़कों में यह प्रक्रिया 10 साल की उम्र के आसपास भी शुरू हो सकती है, तो कुछ में 17 या 18 साल तक देरी भी हो सकती है। यह पूरी तरह से व्यक्तिगत आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों पर निर्भर करता है।
वीर्य बनने के संकेत क्या होते हैं?
1 .नाइट ड्रीम: यह सबसे प्रमुख संकेत है कि वीर्य बनना शुरू हो चुका है। किशोरावस्था में नींद के दौरान लड़कों के वीर्य स्खलन हो सकते हैं।
2 .जननांगों का विकास: लिंग और अंडकोष का आकार बढ़ना, अंडकोष का नर्म होना।
3 .बालों का उगना: यौवन बाल, जैसे बगल में, जननांगों के आस-पास बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
4 .आवाज़ में बदलाव: आवाज गहरी और भारी होने लगती है।
वीर्य बनने की प्रक्रिया क्यों जरूरी है?
वीर्य का बनना लड़कों के शरीर में यौन परिपक्वता और प्रजनन क्षमता का संकेत होता है। इसका मतलब यह है कि लड़का अब जीवविज्ञानिक रूप से बच्चा पैदा करने में सक्षम है। यह बदलाव मानसिक और शारीरिक विकास का एक स्वाभाविक हिस्सा है।
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
अगर कोई लड़का 18 साल की उम्र तक भी वीर्य स्खलन या यौन विकास के कोई लक्षण नहीं दिखाता, तो उसे डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह देर से पब्लिसिटी (Delayed puberty) का संकेत हो सकता है, जिसे चिकित्सा की जरूरत होती है।
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