प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पूर्व सैनिकों की तर्ज पर अब पूर्व अग्निवीरों को भी अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की छूट मिलेगी। यह छूट उनके सेवा काल को घटाकर निर्धारित की जाएगी। इसके साथ ही, पुलिस भर्ती की प्रक्रिया में 20 प्रतिशत पदों पर क्षैतिज आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
शासनादेश के अनुसार, पूर्व अग्निवीरों को उसी श्रेणी में समायोजित किया जाएगा, जिससे वे संबंधित होंगे। उदाहरणस्वरूप, यदि कोई अग्निवीर अनुसूचित जाति वर्ग से है, तो उसे उसी श्रेणी के अंतर्गत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरक्षण की कुल सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इस फैसले के तहत वे अग्निवीर लाभान्वित होंगे जो वर्ष 2026 और उसके बाद सेवा से बाहर आएंगे। ज्ञात हो कि अग्निपथ योजना के तहत चयनित अग्निवीर चार साल की सेवा अवधि पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होते हैं। ऐसे में, इस घोषणा को सरकार द्वारा पूर्व अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
सेना से समाज सेवा तक
सरकार का मानना है कि सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त अग्निवीरों का पुलिस बल में शामिल होना न केवल कानून-व्यवस्था को मजबूती देगा, बल्कि अनुशासन, साहस और राष्ट्र सेवा की भावना को भी मजबूती मिलेगी। इससे अग्निपथ योजना के अंतर्गत शामिल युवाओं को करियर की दूसरी दिशा मिलेगी।
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