महाबली 'धनुष': भारत की समुद्री शक्ति का घातक रूप

नई दिल्ली: भारत की रक्षा ताकत को मजबूत बनाने में कई मिसाइलें अहम भूमिका निभाती हैं। इसमें से धनुष किसी महाबली से कम नहीं हैं। यह मिसाइल भारतीय नौसेना के लिए एक रणनीतिक गेमचेंजर मानी जा रही है, जो न सिर्फ परमाणु हमले का सक्षम माध्यम है, बल्कि पारंपरिक युद्धक्षेत्र में भी यह भारत को एक बढ़त देती है।

‘धनुष’ मिसाइल वास्तव में भारत के 'पृथ्वी मिसाइल कार्यक्रम' का नौसैनिक संस्करण है। इसे खासतौर पर जहाज से प्रक्षेपण (Ship-launched ballistic missile - ShLBM) के लिए विकसित किया गया है। भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित यह मिसाइल पूरी तरह स्वदेशी है और आत्मनिर्भर भारत की मिसाइल तकनीक में एक अहम उपलब्धि मानी जाती है।

धनुष मिसाइल की प्रमुख विशेषताएं:

1 .प्रक्षेपण क्षमता: 'धनुष' को भारतीय नौसेना के जहाजों से प्रक्षेपित किया जाता है, जिससे यह समुद्री संचालन के लिए एक लचीलापन प्रदान करती है। प्रक्षेपण के समय यह अत्यंत सटीकता और स्थिरता के साथ अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम होती है।

2 .रेंज (मारक क्षमता): इसकी अधिकतम मारक क्षमता 350 किलोमीटर तक है, जो इसे सीमाओं के पार दुश्मन के ठिकानों पर भी हमला करने में सक्षम बनाती है।

3 .पेलोड क्षमता: यह मिसाइल 500 किलोग्राम तक का पेलोड ले जाने में सक्षम है, जिसमें परमाणु अथवा पारंपरिक दोनों प्रकार के हथियार शामिल हो सकते हैं।

4 .प्रणोदन प्रणाली: ‘धनुष’ में तरल प्रणोदक इंजन का प्रयोग किया गया है, जो इसे उच्च गतिशीलता और नियंत्रित उड़ान पथ प्रदान करता है।

5 .लक्ष्य साधने की क्षमता: यह मिसाइल न केवल जमीन पर स्थित लक्ष्यों को, बल्कि समुद्र में गतिशील लक्ष्यों को भी भेदने में सक्षम है। यह बहु-आयामी हमले की रणनीति में बेहद उपयोगी है।

रणनीतिक महत्व:

‘धनुष’ की सफलता भारत की नौसैनिक परमाणु त्रिकोण (Nuclear Triad) को पूर्णता प्रदान करती है। थल, नभ और जल – तीनों माध्यमों से हमले की क्षमता भारत को क्षेत्रीय शक्ति के रूप में स्थापित करती है। समुद्र से प्रक्षेपण की इसकी क्षमता दुश्मन के लिए हमेशा एक अनिश्चितता बनाए रखती है, जिससे भारत की First Strike Deterrence रणनीति को मजबूती मिलती है।

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