परमाणु त्रिकोणीय ताकत क्या है?
परमाणु त्रिकोणीय ताकत का अर्थ है कि देश के पास थल आधारित बैलिस्टिक मिसाइलें, पनडुब्बी से दागी जाने वाली परमाणु मिसाइलें, और हवाई जहाज से लांच होने वाली परमाणु हथियारों की पूरी प्रणाली हो। यह व्यवस्था किसी भी संभावित हमले का प्रभावी जवाब देने में मदद करती है और किसी भी शत्रु को परमाणु हमले के लिए रोकती है।
कौन हैं ये चार देश?
अभी तक विश्व में केवल चार देश — अमेरिका, रूस, चीन और भारत — ही इस ‘परमाणु त्रिकोणीय ताकत’ से लैस हैं। ये देश न केवल अपनी सैन्य शक्ति में अग्रणी हैं, बल्कि परमाणु डिफेंस के क्षेत्र में भी वे सबसे सक्षम माने जाते हैं। वहीं, अमेरिका और रूस विश्व के सबसे बड़े परमाणु हथियार भंडार वाले देश हैं, जिनके पास अत्याधुनिक तकनीक और हजारों परमाणु वारहेड्स मौजूद हैं।
जबकि, चीन ने हाल के वर्षों में अपनी परमाणु क्षमताओं को तेज़ी से बढ़ाया है और थल, जल और वायु से हमले की प्रणाली मजबूत की है। वहीं, भारत ने भी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारत के पास पृथ्वी आधारित मिसाइल, परमाणु पनडुब्बी और मिसाइल ले जाने वाले लड़ाकू विमान हैं, जो इसे एक पूर्ण परमाणु त्रिकोणीय शक्ति बनाते हैं।
इसकी रणनीतिक अहमियत
इस त्रिकोणीय क्षमता के कारण, ये देश किसी भी परमाणु हमले का न केवल जवाब देने में सक्षम हैं, बल्कि विरोधी को भी परमाणु हमले के लिए सोचने पर मजबूर कर देते हैं। यह रणनीतिक रूप से एक बड़ा अवरोधक है जो वैश्विक शांति और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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