थोरियम भंडार में भारत नंबर-1: जानिए बाकी टॉप 5 देश

नई दिल्ली। ऊर्जा सुरक्षा और भविष्य की टिकाऊ ऊर्जा स्रोतों की होड़ में भारत ने एक अहम मुकाम हासिल कर लिया है। हाल ही में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, भारत के पास विश्व का सबसे बड़ा थोरियम भंडार है। थोरियम को अगली पीढ़ी का न्यूक्लियर फ्यूल माना जा रहा है, जो पारंपरिक यूरेनियम के मुकाबले अधिक सुरक्षित, टिकाऊ और कम रेडियोएक्टिव होता है।

1. भारत – 963,000 टन (दुनिया में नंबर-1)

भारत के दक्षिणी तटीय इलाकों, खासकर केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में थोरियम की भारी मात्रा पाई जाती है। कुल अनुमानित भंडार लगभग 9.63 लाख टन है, जो भारत को वैश्विक स्तर पर थोरियम की पूंजी बना देता है। भारत लंबे समय से थोरियम पर आधारित परमाणु रिएक्टरों के विकास में अनुसंधान कर रहा है और इसकी ऊर्जा रणनीति में यह केंद्रीय भूमिका निभा सकता है।

2. ब्राजील – 16,000 टन

दक्षिण अमेरिका का यह देश थोरियम के मामले में दूसरे स्थान पर है, लेकिन भारत की तुलना में इसकी मात्रा काफी कम है। ब्राजील में थोरियम मुख्य रूप से मोनाज़ाइट रेत में पाया जाता है, जो तटीय इलाकों में स्थित है।

3. अमेरिका – 440,000 टन

अमेरिका थोरियम के मामले में तीसरे नंबर पर आता है, जिसके पास 4.4 लाख टन अनुमानित भंडार हैं। थोरियम अमेरिका की भविष्य की ऊर्जा योजनाओं में एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में देखा जा रहा है, खासकर स्वच्छ और स्थिर न्यूक्लियर एनर्जी के संदर्भ में।

4. ऑस्ट्रेलिया – 300,000 टन

ऑस्ट्रेलिया थोरियम के चौथे सबसे बड़े भंडार वाला देश है। इसके खनिज-समृद्ध क्षेत्रों में थोरियम प्राकृतिक रूप से यूरेनियम और रेटाइल के साथ पाया जाता है। ऑस्ट्रेलिया ने अब तक थोरियम पर सीमित कार्य किया है, लेकिन इसके बढ़ते संभावनाओं को देखते हुए शोध गतिविधियाँ तेज हो रही हैं।

5. नाइजीरिया – 48,000 टन

अफ्रीका का यह देश थोरियम भंडार के मामले में पांचवें स्थान पर है। नाइजीरिया की खनिज संपदा अब वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रही है, और थोरियम इसमें एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में उभरा है।

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