बिहार में मुखिया के पास कितनी पावर हैं, जानिए पूरी शक्ति

पटना। बिहार की पंचायती राज व्यवस्था में मुखिया की भूमिका बेहद अहम होती है। गांव की सरकार का यह सबसे महत्वपूर्ण पद न केवल विकास की योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम करता है, बल्कि गांववासियों के अधिकारों की रक्षा और पंचायत व्यवस्था की मर्यादा बनाए रखने का भी उत्तरदायित्व संभालता है।

कौन होते हैं मुखिया?

मुखिया ग्राम पंचायत का निर्वाचित प्रमुख होता है। इसे ग्रामीण जनता द्वारा सीधे वोट देकर चुना जाता है। जहां पहले मुखिया को पारंपरिक मुरेठा या पगड़ी में देखा जाता था, आज वे कुर्ता-पायजामा या पैंट-शर्ट में आमजन के बीच दिखाई देते हैं। हालांकि पहनावा बदल गया हो, लेकिन पद की शक्तियां और जिम्मेदारियां आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं।

बिहार में मुखिया को मिली प्रमुख शक्तियां

बिहार पंचायती राज अधिनियम के अनुसार मुखिया को कई प्रशासनिक, वित्तीय और सामाजिक जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। आइए जानते हैं, मुखिया जी के पास क्या-क्या पावर होती हैं:

1. ग्राम सभा और ग्राम पंचायत की बैठकें आयोजित करना

मुखिया की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वे ग्राम सभा और पंचायत की बैठकें समय-समय पर आयोजित करें और उनकी अध्यक्षता करें। इसमें गांव के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होती है।

2. बैठकों का अनुशासन और कार्य संचालन

बैठकों में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखना मुखिया की जिम्मेदारी है। सभी सदस्यों को अपनी बात रखने का अवसर मिले, इसका ध्यान रखना भी जरूरी होता है।

3. ग्राम सभा की चार वार्षिक बैठकें

हर साल कम से कम चार ग्राम सभा की बैठकें कराना कानूनी रूप से अनिवार्य है। इससे जनता से सीधा संवाद बना रहता है।

4. पूंजी कोष की निगरानी

ग्राम पंचायत के पास जो भी फंड होता है, उसकी सही निगरानी और पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित करना मुखिया का कार्य होता है।

5. कर्मचारियों की देख-रेख

पंचायत में कार्यरत सचिव, जलमीन कर्मचारी, सफाईकर्मी आदि की कार्यप्रणाली पर नजर रखना और उचित दिशा-निर्देश देना मुखिया की भूमिका में शामिल है।

6. विकास योजनाओं का क्रियान्वयन

गांव में सड़क, नाली, शौचालय, आवास, जलापूर्ति आदि से जुड़ी योजनाओं को लागू करना मुखिया की अहम जिम्मेदारी है।

7. रजिस्टर और रिकॉर्ड का रख-रखाव

ग्राम पंचायत के सभी जरूरी रजिस्टर – जैसे जन्म-मृत्यु रजिस्टर, आय-व्यय रजिस्टर आदि – को नियम के अनुसार संधारित करना जरूरी होता है।

8. राजस्व, टैक्स और चंदा वसूली

ग्राम पंचायत द्वारा निर्धारित कर, शुल्क और चंदा इकट्ठा करने का इंतजाम भी मुखिया के जिम्मे होता है।

9. निर्माण कार्यों का प्रबंधन

पंचायत क्षेत्र में कराए जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता, समयसीमा और उपयोगिता पर नजर रखना भी मुखिया की जिम्मेदारी है।

10. राज्य सरकार द्वारा सौंपे गए कार्य

मुखिया को राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर कई अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी दी जाती हैं, जैसे कि जनगणना, टीकाकरण, या आपदा राहत वितरण।

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