यूपी में 'प्रधानी' का चुनाव कब होगा? जानिए पूरी खबर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। राज्य सरकार और निर्वाचन आयोग दोनों ही समय पर चुनाव संपन्न कराने की तैयारी में जुट गए हैं। जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायतों के शहरी क्षेत्रों में विलय और नई सीमांकन प्रक्रिया की वजह से कुछ प्रशासनिक बदलाव जरूरी हो गए हैं, जिसे लेकर संबंधित विभाग सक्रिय हो गए हैं।

पंचायत चुनाव 2026 में तय समय पर होंगे

उत्तर प्रदेश में वर्तमान ग्राम प्रधानों और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल वर्ष 2026 में समाप्त हो रहा है। ऐसे में पंचायत चुनाव की अधिसूचना 2026 के शुरुआती महीनों — संभवतः जनवरी से मार्च के बीच — जारी होने की पूरी संभावना है। चुनाव आयोग की तैयारी इसी दिशा में इशारा करती है कि इस बार पंचायत चुनाव समय पर कराए जाएंगे।

क्यों हो रही है परिसीमन की जरूरत?

पिछले पंचायत चुनाव के बाद से कई ग्राम पंचायतें और राजस्व गांव शहरी क्षेत्रों में शामिल हो चुके हैं। इससे ग्राम पंचायतों की संख्या में बदलाव आया है, जिसके चलते नए सिरे से परिसीमन की प्रक्रिया शुरू की गई है। पंचायती राज विभाग ने नगर विकास विभाग को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि जिन ग्राम पंचायतों को शहरों में जोड़ा गया है, उन्हें पंचायत क्षेत्र से हटाया जाए और बचे हुए गांवों को दूसरी निकटतम ग्राम पंचायतों में जोड़ा जाए।

तैयारियों में जुटा चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। हाल ही में आयोग ने एक लाख मतपेटियों के लिए टेंडर जारी किया है, जिससे संकेत मिलता है कि वह किसी भी परिस्थिति में चुनाव को समय पर कराने के पक्ष में है।

कितने पदों पर होंगे चुनाव?

आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निम्नलिखित पदों के लिए मतदान होना है: 57,691 ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, 3,200 जिला पंचायत सदस्य, 75 जिला पंचायत अध्यक्ष, 826 ब्लॉकों में प्रमुख। यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि यह चुनाव न केवल प्रशासनिक दृष्टि से बड़ा आयोजन होगा, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी इसका व्यापक असर होगा।

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