स्टेल्थ तकनीक की जंग: ये देश बना रहे हैं भविष्य के फाइटर जेट्स

नई दिल्ली। 21वीं सदी की सैन्य शक्ति अब केवल हथियारों की संख्या से नहीं, बल्कि तकनीकी क्षमता से आँकी जा रही है। खासकर लड़ाकू विमानों की दुनिया में, पाँचवीं और छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स (Fifth and Sixth Generation Fighter Jets) को भविष्य की जंग का चेहरा माना जा रहा है। स्टेल्थ तकनीक से लैस ये विमान रडार की पकड़ से बाहर रह सकते हैं, AI-सक्षम सिस्टम चला सकते हैं और ड्रोन के साथ मिलकर ऑपरेशन कर सकते हैं।

अमेरिका

F-47 का निर्माण – यह छठी पीढ़ी का फाइटर हैं, जिसे तैयार किया जा रहा हैं, जिसमें AI, ड्रोन नेटवर्क और डायनामिक स्टील्थ तकनीक शामिल होगी। 

रूस 

MiG-41 (PAK DP) – 6वीं पीढ़ी के जेट के रूप में विकासशील, जो अत्यधिक गति (Mach 4+) और लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम होगा। 

चीन 

चीन के पास भी पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान मौजूद हैं और चीन अब तेजी के साथ छठी पीढ़ी के फाइटर जेट का निर्माण कर रहा हैं। 

भारत

AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft): भारत का स्वदेशी स्टेल्थ फाइटर का निर्माण चल रहा हैं। ये पांचवी पीढ़ी के फाइटर जेट हैं।

दक्षिण कोरिया

KF-21 Boramae: साऊथ कोरिया के पास 4.5 पीढ़ी का फाइटर जेट हैं, परन्तु भविष्य में इसे 5वीं पीढ़ी में उन्नत किया जा रहा हैं।

तुर्की 

KAAN (पूर्व नाम TF-X): पहली सफल उड़ान 2024 में हुई, यह स्टेल्थ तकनीक, सुपरक्रूज़ और मल्टीरोल क्षमताओं से लैस हैं। ये एक पांचवी पीढ़ी के जेट हैं।

फ्रांस, जर्मनी और स्पेन

SCAF (Future Combat Air System): फ्रांस, जर्मनी और स्पेन मिलकर SCAF प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। यह 6वीं पीढ़ी के फाइटर की योजना हैं। डसॉल्ट एविएशन (Rafale निर्माता) इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व कर रहा है। 

जापान, ब्रिटेन और इटली

F-X (GCAP में साझेदार): जापान, ब्रिटेन और इटली के साथ मिलकर Global Combat Air Programme (GCAP) पर काम कर रहा हैं।  जापान का उद्देश्य है 2035 तक अत्याधुनिक 6th जनरेशन फाइटर तैयार करना जापान इसे F-X या F-3 कहता है। 

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