भारत अब अमेरिका, फ्रांस समेत 80 देशों को बेच रहा हथियार

नई दिल्ली। भारत का रक्षा क्षेत्र पिछले एक दशक में एक ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुजरा है। 2014 के बाद से सरकार ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ (Aatmanirbhar Bharat) अभियान को केंद्र में रखते हुए रक्षा उत्पादन और निर्यात को प्राथमिकता दी है। इसका परिणाम यह है कि आज भारत एक बड़े रक्षा आयातक से धीरे-धीरे एक उभरते हुए रक्षा निर्यातक के रूप में वैश्विक मंच पर पहचान बना रहा है।

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में परिवर्तन

2013-14 में जहां भारत का रक्षा बजट ₹2.53 लाख करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर ₹6.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह केवल बजट में वृद्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक सोच, तकनीकी निवेश और रक्षा उत्पादन क्षमता में आए सुधार को भी दर्शाता है।

दुनिया भर में भारतीय रक्षा निर्यात

भारत ने 2024-25 में ₹23,622 करोड़ (लगभग $2.76 बिलियन) मूल्य का रक्षा निर्यात कर नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 12% की वृद्धि है। इसके तहत भारत अब अमेरिका, फ्रांस, मिस्र, फिलीपींस, अर्जेंटीना जैसे 80 से अधिक देशों को हथियार और रक्षा तकनीकें निर्यात कर रहा है।

वैश्विक रक्षा निर्यातकों में भारत की स्थिति

भारत अब दुनिया के शीर्ष 25 रक्षा निर्यातकों में शामिल हो गया है, जो देश की वैश्विक रणनीतिक भूमिका को और मजबूत करता है। यह न केवल भारत की रक्षा कूटनीति की सफलता है, बल्कि देश के तकनीकी कौशल और उत्पादन क्षमता का भी प्रमाण है।

भारत के निर्यात किए गए उत्पाद

पिनाका रॉकेट सिस्टम

आर्टिलरी गन सिस्टम

हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर

स्वदेशी ड्रोन और सर्विलांस सिस्टम

बुलेटप्रूफ जैकेट और नाइट विजन डिवाइसेज़। 

0 comments:

Post a Comment