पिनाका मार्क-4: भारत की ताकत का अगला सुनामी वार

नई दिल्ली। भारत की सैन्य शक्ति को एक नई धार देने के लिए पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम (MBRS) के नए संस्करण पिनाका मार्क-3 और पिनाका मार्क-4 को विकसित किया जा रहा है। ये दोनों अत्याधुनिक रॉकेट सिस्टम भारतीय थल सेना को दूरगामी, सटीक और घातक हमले की नई क्षमता प्रदान करेंगे। आत्मनिर्भर भारत की सैन्य दृष्टि और तकनीकी आत्मनिर्भरता का यह एक बड़ा कदम है।

क्या है पिनाका मार्क-3 और मार्क-4 की खासियत?

पिनाका रॉकेट सिस्टम का नाम महाभारत के अर्जुन के धनुष "पिनाक" से लिया गया है। यह प्रणाली पहले से ही कारगिल युद्ध में अपनी ताकत दिखा चुकी है। अब इसके नए संस्करण – मार्क-3 और मार्क-4 – युद्ध के नए नियम तय करने जा रहे हैं।

पिनाका मार्क-3 की रेंज 120 किलोमीटर तक होगी। इसे अगले तीन वर्षों में भारतीय सेना में शामिल किया जाएगा।

पिनाका मार्क-4 इससे भी अधिक शक्तिशाली होगा, जिसकी रेंज 300 किलोमीटर तक होगी। इसे अगले पांच वर्षों में सेना में तैनात किया जाएगा।

दोनों रॉकेट सिस्टम में 250 किलोग्राम का वारहेड लगाया जा सकेगा, जो दुश्मन के ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। ये रॉकेट गाइडेड तकनीक से लैस होंगे, यानी इन्हें अत्यधिक सटीकता के साथ लक्ष्य पर मार करने में सक्षम बनाया गया है।

बिना हवाई हमले के सीधा वार

पिनाका मार्क-4 की सबसे बड़ी ताकत इसकी लंबी रेंज है। यह दुश्मन के मुख्यालय, सामरिक ठिकानों, और संचालन केंद्रों को बिना किसी हवाई हमले या एयरस्ट्राइक के सीधे ज़मीन से ही निशाना बना सकता है। यह भारतीय थल सेना को उन हालातों में बढ़त देगा जहाँ वायुसेना की सहायता तुरंत उपलब्ध नहीं हो सकती।

भारत की सैन्य ताकत को मिलेगी नई दिशा

पिनाका के नए संस्करण न केवल भारत को रणनीतिक रूप से सशक्त बनाएंगे, बल्कि यह पड़ोसी देशों के लिए एक सशक्त संदेश भी होगा – भारत न केवल आत्मनिर्भर है, बल्कि आधुनिक युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार भी। ये हथियार प्रणाली भारत की सुरक्षा नीति में “प्रतिकार” से आगे बढ़कर “निवारण” की ओर एक ठोस कदम है।

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