ब्लॉक प्रमुख कौन होता है?
आपको बता दें की उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख (Block Pramukh) एक निर्वाचित पद होता है, जो क्षेत्र पंचायत यानी ब्लॉक स्तर की स्थानीय सरकार का अध्यक्ष होता है। वर्त्तमान में इनका चुनाव जिला पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य मिलकर करते हैं।
यूपी में ब्लॉक प्रमुख की सैलरी कितनी होती है?
उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख को सरकार की ओर से मासिक मानदेय और अन्य भत्ते मिलते हैं:
फिक्स सैलरी (मानदेय): ₹11,300
यात्रा भत्ता (अनुमानित): ₹20,000
ऑफिस खर्च भत्ता: ₹7,000–₹8,000
कुल अनुमानित मानदेय: ₹38,300
यह सैलरी निजी क्षेत्र की तुलना में बहुत अधिक नहीं लगती, लेकिन इस पद के साथ जो वित्तीय अधिकार और निर्णय लेने की शक्ति आती है, वह इसे एक प्रभावशाली पद बना देती है। इस पद पर रहने वाले व्यक्ति को कई तरह के पावर और अधिकार होते हैं।
ब्लॉक प्रमुख के अधिकार (पावर)
ग्राम पंचायतों का बजट पास करना – ब्लॉक में आने वाली सभी पंचायतों की योजनाओं और उनके बजट को पास करने का अधिकार ब्लॉक प्रमुख के पास होता है।
विकास निधि का आवंटन –
राज्य वित्त आयोग से लगभग ₹2 करोड़, केंद्रीय वित्त आयोग से ₹3 करोड़। यानी कुल ₹5 करोड़ सालाना की राशि का आवंटन गाँवों के विकास के लिए होता है, जिसकी देखरेख ब्लॉक प्रमुख करता है। वहीं, स्थानीय योजनाओं की निगरानी – जैसे सड़क निर्माण, स्कूलों में सुविधा, पेयजल, स्वच्छता, स्वास्थ्य केंद्र आदि भी इनके अधिकार में आती हैं।
वहीं, पंचायती प्रतिनिधियों और अधिकारियों पर नियंत्रण – क्षेत्र पंचायत सदस्यों और संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने की शक्ति भी इनके पास होती हैं। इसलिए, भले ही ब्लॉक प्रमुख की सैलरी औपचारिक रूप से कम हो, लेकिन उन्हें जो फाइनेंशियल कंट्रोल और पॉलिटिकल पावर मिलती है, वह इस पद को काफी प्रभावशाली बना देती है।
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