यूपी में 'पंचायत सचिव' की कितनी है सैलरी? क्या है पावर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास की रीढ़ माने जाने वाले पंचायती राज विभाग में पंचायत सचिव की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह पद न केवल एक प्रशासनिक जिम्मेदारी है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने का एक प्रभावी माध्यम भी है। यदि आप भी इस पद के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं, तो यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा।

पंचायत सचिव की भर्ती कैसे होती है?

उत्तर प्रदेश में पंचायत सचिव पद की भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा की जाती है। इस भर्ती प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण होते हैं:

PET पास करना जरूरी: सबसे पहले अभ्यर्थी को UPSSSC द्वारा आयोजित प्रारंभिक अर्हता परीक्षा यानी PET पास करनी होती है। यह परीक्षा सभी ग्रुप-सी पदों के लिए अनिवार्य होती है।

मुख्य परीक्षा (Mains Exam): PET में प्राप्त अंकों के आधार पर आयोग मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों को बुलाता है। मुख्य परीक्षा में चयन के बाद दस्तावेज़ सत्यापन और अंततः नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होती है।

पंचायत सचिव की सैलरी

उत्तर प्रदेश में पंचायत सचिव को पे लेवल-2 के अंतर्गत वेतन दिया जाता है: वेतनमान: ₹19,900 – ₹63,200 हैं। इसके अलावा महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA) और अन्य भत्ते भी मिलते हैं। प्रारंभिक नियुक्ति पर कुल मासिक सैलरी लगभग ₹25,000 – ₹30,000 तक होती है, जो अनुभव और पदोन्नति के साथ बढ़ती जाती है।

पंचायत सचिव के कार्य और पावर।

पंचायत सचिव का काम ग्रामीण क्षेत्र की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में ग्राम पंचायत की मदद करना होता है। उसके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:

1 .ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की योजना बनाना: पंचायत सचिव, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ मिलकर गाँव के विकास कार्यों (जैसे सड़क निर्माण, नाली निर्माण, जल व्यवस्था आदि) के लिए प्रस्ताव तैयार करता है।

2 .लेखा-जोखा और फाइलों की देखरेख: पंचायत में होने वाले खर्च का पूरा विवरण रखना, रिपोर्ट तैयार करना और आवश्यक रिकॉर्ड का संधारण करना पंचायत सचिव की जिम्मेदारी होती है।

3 .सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन: प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन जैसे कई योजनाओं के क्रियान्वयन में पंचायत सचिव की भूमिका अहम होती है।

4 .बैठकों का आयोजन और लिखापढ़ी: ग्राम सभा और पंचायत बैठकों का आयोजन करना, कार्यवाही लिखना और उसे रिकॉर्ड में दर्ज करना भी उनके कार्य में शामिल होता है।

5 .जन शिकायतों का निस्तारण: गाँव के नागरिकों की समस्याओं और शिकायतों को संबंधित विभाग तक पहुँचाना और समाधान सुनिश्चित करना भी पंचायत सचिव का काम होता है।

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